यूपी सरकार काशी और मथुरा के साथ-साथ अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक करने जा रही है. इसमें मानव और तकनीक का प्रयोग कर ऐसा सुरक्षा ढांचा तैयार किया जा रहा है, जिसको अमल में लाने के बाद सुरक्षा से जुड़ी चू तक की कोई गुंजाइश न रह जाए. इसके लिए विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के समन्वय से स्पेशल फोर्स का गठन होने का प्रस्ताव दिया गया है. जो अयोध्या समेत यूपी के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थानों की सुरक्षा करेंगी.
वर्ष 2024 में जब श्री राम मंदिर दर्शन के लिए खोला जाएगा तो यही स्पेशल फोर्स सुरक्षा में तैनात होगी. अयोध्या में हुई सुरक्षा समिति की बैठक में इसी पर मंथन हुआ. जिसमे आईबी और इंटेलिजेंस एजेंसियों से जुड़े अफसरों के साथ-साथ यूपी पुलिस और सीआईएसएफ , पीएसी और सीआरपीएफ के शीर्ष अफसर शामिल हुए. इस बैठक में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय और सदस्य भी शामिल रहे. जिन्होंने सुरक्षा तकनीक और श्रद्धालुओं की सुविधा के बीच समन्वय बनाने का सुझाव दिया.
अयोध्या में पहली बार सुरक्षा समिति की बैठक श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के राम मंदिर निर्माण कार्यशाला में हुई. सुरक्षा से जुड़ी इस महत्वपूर्ण बैठक में उच्च सुरक्षा तकनीक का प्रयोग कर पुख्ता सुरक्षा प्लान तैयार करने पर मंथन हुआ. बैठक से पहले समिति में शामिल अधिकारियों ने ट्रस्ट के सदस्यों के साथ राम जन्मभूमि परिसर का स्थलीय निरीक्षण किया और सुरक्षा पोस्ट और पॉइंट पर चर्चा की. इसके बाद मौजूदा सुरक्षा पॉइंट और इसके अपग्रेशन को लेकर गहन मंत्रणा हुई.
उच्च स्तरीय बैठक के बाद श्री राम जन्मभूमि मंदिर की सुरक्षा के लिए एक स्पेशल फोर्स तैयार करने का प्रस्ताव भी शासन को भेजा जा रहा है. यही फोर्स काशी और मथुरा मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में भी तैनात की जाएगी. इस फोर्स में आईबी, लोकल इंटेलिजेंस, सीआरपीएफ, पीएससी के साथ यूपी पुलिस भी शामिल होगी. इसीलिए इस बैठक में एडीजी सुरक्षा के साथ- साथ विभिन्न एजेंसियों के शीर्ष अफसरों ने भाग लिया और संयुक्त रूप से सुरक्षा व्यवस्था के नए प्लान का खाका खींचा.
सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी इस महत्वपूर्ण बैठक में पहली बार श्री राम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों की भी राय ली गई. जिसमें ट्रस्ट के पदाधिकारियों और सुरक्षा व्यवस्था में शामिल अफसरों के बीच इस बात पर सहमति हुई कि ऐसा सुरक्षा प्लान तैयार किया जाए जिससे दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना ना करना पड़े. बैठक शुरू होते ही सीआईएसएफ ने नए सुरक्षा प्लान का खाका पेश किया जिस पर लगभग 3 घंटे मंथन हुआ. सरकार के आदेश पर सीआईएसफ ने राम मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था का अध्ययन किया और सुरक्षा समिति की बैठक में अपग्रेड को लेकर अपना पक्ष रखा.