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फिरोजाबाद: एक अप्रैल से स्क्रैप पॉलिसी लागू, 22 रुपये किलो के भाव बिकेंगी ऐसी कारें!

Firozabad News: इंसान किसी कार को बड़े अरमानों और सपनों के साथ खरीदता है. वह लाखों रुपये खर्च करके कार लेता है. मगर क्या हो अगर उसे अपनी वह गाड़ी कौड़ियों के दामों में बेचनी पड़ जाए. क्या हो अगर उसे सिर्फ 22 रुपये किलो ही अपनी कार के दिए जाए? अफसोस होगा न क्योंकि […]

Firozabad News: इंसान किसी कार को बड़े अरमानों और सपनों के साथ खरीदता है. वह लाखों रुपये खर्च करके कार लेता है. मगर क्या हो अगर उसे अपनी वह गाड़ी कौड़ियों के दामों में बेचनी पड़ जाए. क्या हो अगर उसे सिर्फ 22 रुपये किलो ही अपनी कार के दिए जाए? अफसोस होगा न क्योंकि जिस  कार को उसने अपनी मेहनत की कमाई से लाखों रुपये देकर खरीदा था, अब उसको उसी कार के सिर्फ 22 रुपये किलो के हिसाब से ही रुपये दिए जाएंगे.

दरअसल 1 अप्रैल 2023 से स्क्रैप पॉलिसी यानी कबाड़ नीति लागू होने जा रही है. इस नीति के तहत अब 15 साल पुराने निजी और सरकारी वाहन कबाड़ हो जाएंगे. इस कबाड़ नीति पर फिरोजाबाद के परिवहन विभाग के अधिकारी आजाद कुमार कर्दम का कहना है कि स्क्रैप नीति के मुताबिक, 52,428 निजी और 49 सरकारी वाहन है जो कबाड़ घोषित किए जाएंगे. सरकारी नीति के अनुसार इन वाहनों को कबाड़ नीति के तहत ही बेचा जाएगा.

22 रुपए किलो बिकेंगी गाड़ियां!

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आपको बता दें कि सरकार की स्क्रैप नीति लागू होने के बाद 15 साल पुरानी गाड़ियां बेकार हो जाएंगी. इन गाड़ियों को अगर कार स्वामी कबाड़ सेंटर में बेचेंगे तो कार स्वामी को सिर्फ 22 रुपये किलो ही अपने पुराने वाहन का दाम मिल सकेगा.

रोड पर दिखेंगी 15 साल पुरानी गाड़ियों को होगी ये कार्रवाई

इस मामले पर आरटीओ विभाग के अधिकारी का कहना है कि 1 अप्रैल के बाद 15 साल पुराने वाहन सड़कों पर चलते दिखाई दिए तो उनको जब्त कर लिया जाएगा. फिरोजाबाद के आरटीओ विभाग ने इसकी पूरी तैयारी भी कर ली है.

जनता को मिलेगी इससे राहत: प्रदूषण विभाग

इस मामले पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तर प्रदेश के सहायक क्षेत्राधिकारी राजीव दुबे का कहना है कि पुराने वाहनों के सड़कों पर से हटने के बाद प्रदूषण में कमी आएगी, क्योंकि 15 साल पुराने वाहन वर्तमान के मानकों को पूरा नहीं करते हैं. इस कारण ही सरकार ने उन्हें स्क्रैप घोषित किया है, आम जनमानस को इससे बहुत फायदा मिलेगा.

‘यह सरकार सही नहीं कर रही’

सरकार के इस कदम का जहां लोग समर्थन भी कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं. 40 सालों से टैक्सी का कारोबार करने वाले ज्याउल इस्लाम का कहना है कि उनके पास कई पुरानी गाड़ियां हैं. मगर सरकार चाहे तो 15 साल पुरानी कारों का भी फिटनेस टेस्ट करा सकती है. इसके साथ ही प्रदूषण कम करने के लिए कोई उपकरण लगाया जा सकता है. किसी की पुरानी कार को अचानक से ही कबाड़ घोषित कर देना, यह उचित नहीं है. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.

पुरानी गाड़ियों को निजी कबाड़ियों को बेचने से नही मिलेगा सरकारी लाभ: परिवहन विभाग

बता दें कि कार स्वामी निजी कबाड़ियों को अगर गाड़ी बेचेंगे तो उन्हें सरकारी लाभ नहीं मिलेगा. इस मामले पर आरटीओ विभाग के अधिकारी आजाद कुमार कर्दम का कहना है, “स्क्रैप हुई निजी और वाणिज्यिक वाहनों को खरिदने के लिए फिरोजाबाद में इंतजाम किए है. मगर कबाड़ हुई गाड़ियों को बेचने से पूर्व यह तय करना होगा कि उन कारों के ऊपर कोई पहले से टैक्स, जुर्माना या चालान न हो.

सरकार नीति के मुताबिक मिलेगी यह छूट

आरटीओ विभाग के अधिकारी आजाद कुमार कर्दम ने आगे कहा, “ अगर 15 साल पहले की गाड़ी स्क्रैप में बेची जाती है तो उसे सरकारी नियमानुसार 50 प्रतिशत या उससे अधिक पुराने रोड टैक्स में और पुरानी पेनल्टी में छूट दी जाएगी. वाहनों के स्क्रैप में बेचने पर एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा. इसी के साथ अगर कार मालिक नई कार भी खरीदता है तो उस कार के रोड टैक्स में भी उसे 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी.” बता दें कि पुरानी कारों व अन्य वाहनों को खरीदने के लिए क्रय केंद्र भी बनाए जा चुके हैं.

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