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UP के गेंदे के फूल अब UAE में खुशबू बिखेरने को तैयार, पहली खेप में 400 किलो भेजे गए

देश में किसी भी शुभ अवसर की सजावट के लिए प्रयोग होने वाला गेंदे का फूल अब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में खुशबू बिखेरने के लिए तैयार है. विदेशों में इसकी मांग को देखते हुए पहली बार यूएई (UAE) के लिए गेंदे के फूल को निर्यात किया गया है.

UP News: देश में किसी भी शुभ अवसर की सजावट के लिए प्रयोग होने वाला गेंदे का फूल अब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में खुशबू बिखेरने के लिए तैयार है. विदेशों में इसकी मांग को देखते हुए पहली बार यूएई (UAE) के लिए गेंदे के फूल को निर्यात किया गया है. करीब 400 किलो गेंदे के फूलों की पहली खेप वाराणसी से रवाना की गई है. आने वाले समय में पूर्वांचल के किसानों को इससे बड़ा लाभ होने की उम्मीद है.

200 विशेष डिब्बों में पैक कर भेजा गया 400 किलो गेंदे का फूल

अपनी खूबसूरती, चटख रंग और खुशबू के लिए जाना जाने वाला पूर्वांचल का गेंदे का फूल अब विदेशी बाजार में भी महकेगा. पूर्वांचल के गेंदे के किसानों के पसीने की चमक बड़े-बड़े विदेशी बाजार में दिखाई पड़ेगी. इसके सैम्पल को हरी झंडी मिलने के बाद पहला कनसाइनमेंट वाराणसी के लाल बहादुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से रवाना किया गया है. ये कनसाइनमेंट यूएई के बाजार में उपलब्धता के लिए निर्यात किया गया है. करीब 400 किलो गेंदे का फूल वाराणसी से भेजे गए हैं. कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के चेयरमैन अभिषेक देव ने वर्चुअली फ्लैग ऑफ करके कंसाइनमेंट को रवाना किया. इन गेंदे के फूलों को 200 विशेष डिब्बों पैक किया गया है. पीले और नारंगी दोनों ही रंगों के गेंदे के फूल भेजे गए हैं.

भारत में हर अवसरों पर सजावट के लिए रहती है माँग

दरअसल, भारत में शुभ अवसरों पर गेंदे के फूलों (Marigold) से सजावट को खास माना जाता है. धार्मिक अनुष्ठान हो या शादी समारोह, गेंदे के फूलों से डेकोरेशन उत्तर भारत में पहली पसंद है. चटख पीले और नारंगी रंग के गेंदे के फूलों में अलग तरह की खुशबू भी होती है. खास तौर पर पूर्वांचल के किसान इनकी खेती करते हैं. पिछले कुछ समय से वाराणसी और आस-पास के जिलों में गेंदे की खेती में कई गुणा इजाफा हुआ है. इसकी वजह देश के बाजारों में इसकी मांग है. अब दुबई में भी भारत के फूलों से त्योहारों और अन्य अवसरों पर सजावट की जाएगी. पूर्वांचल की मिट्टी में खिले गेंदे के फूल बुधवार को दुबई निर्यात किए गए हैं.

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कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) के चेयरमैन अभिषेक देव ने कहा, “कृषि उत्पादों के निर्यात में किसान उत्पाद संगठनों (एफपीओ) को जोड़ा जा रहा है. इसका सकरात्मक प्रभाव भी देखने को मिल रहा है. इससे पहले पूर्वांचल के किसानों की आय बढ़ाने के लिए सब्जी और फलों की खेप विदेशों में निर्यात की गई है. मौजूदा समय में किसानों को जोड़ कर एपीडा के मदद से वाराणसी से 90 से 100 मीट्रिक टन कृषि निर्यात प्रति महीने किया जा रहा है. अब फूलों के विदेश जाने से फूलों की खेती करने वाले किसानों को भी लाभ होगा. गेंदे के साथ गुलाब के फूलों का सैम्पल भी भेजा गया है. आने वाले समय में देसी गुलाब का निर्यात भी हो सकता है.”

 

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