Varanasi News: वाराणसी से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां महिला थाने की पुलिस टीम ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो जरुरतमंद नाबालिग युवतियों को अपने झांसे में लेकर उनके ओवम यानी एग को अवैध रूप से IVF सेंटर को बेच दिया करता था. इस मामले में केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इनमें दो महिला और दो पुरूष शामिल हैं. वहीं, पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेज दिया है.
क्या है मामला?
आपको बता दें कि वाराणसी पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो जरूरतमंद गरीब युवतियों को रुपयों का लालच देता था. इसके साथ ही यह गिरोह नबगालिग युवतियों को IVF सेंटर ले जाकर उनके ओवम यानी एग (एक महिला या मादा जानवर द्वारा उत्पादित अंडा) को डोनेट करवा देता था. पुलिस के अनुसार, गिरोह का एक सदस्य युवती का कथित पति बनता था, जिससे किसी को शक न हो. फिर ये लोग एग को ऊंचे दामों पर बेच देते थे.
पुलिस को मिली शिकायत और फिर ये हुआ
वाराणसी के काशी जोन के तहत आने वाले महिला थाने में जब ऐसी ही एक शिकायत अवैध अंडे के डोनेशन की शिकार 17 साल की पीड़िता की मां ने की, तब मामले का खुलासा हुआ. इस गिरोह के 4 सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. गिरफ्तार सीमा देवी और उसका ऑटो चालक पति आशीष कुमार शहर के उसी जैतपुरा इलाके के हैं जहां से उन्होंने पीड़िता को शिकार बनाया था और बहला-फुसलाकर पैसों का लालच देकर उसके अंडे को डोनेट कराया था.
इसके अलावा भेलूपुर क्षेत्र के खोजवा इलाके की अनीता देवी भी जरूरतमंद युवतियों को झांसा देकर IVF सेंटर पर अंडे को डोनेट कराती थी. वहीं, सोनभद्र के अनपरा का अनमोल जायसवाल वाराणसी के महमूरगंज के तुलसीपुर में अस्थाई रूप से रहकर युवतियों का फर्जी दस्तावेज तैयार करता था और उसको भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस ने ये बताया
वाराणसी के काशी जोन के DCP आरएस गौतम ने इस रैकेट के बारे में बताया कि ‘फिलहाल इस मामले में शिकायत के बाद FIR दर्ज कर ली गई है. पूछताछ के बाद सत्यापन होगा कि जिन युवतियों से पकड़े गए लोगों ने एग डोनेट कराया था, उनकी उम्र क्या है? सभी अभिलेख चेक किए जाएंगे, जिसके बाद अन्य आरोपियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी.’