+

मोबाइल फोन खोलेगा अतीक, अशरफ की हत्या के सारे राज? पुलिस जो पूछेगी वो किसकी चिंता बढ़ाएगा

Atiq Ahmad murder case: अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के तीनों आरोपियों की पुलिस रिमांड की मांग स्वीकार कर ली गई है. पुलिस बुधवार को तीनों शूटरों सनी सिंह उर्फ मोहित, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य को लेकर प्रतापगढ़ जेल से प्रयागराज कोर्ट पहुंची थी. पुलिस के लिए तीनों शूटरों का मामला अबतक टेढ़ी […]
featuredImage

Atiq Ahmad murder case: अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के तीनों आरोपियों की पुलिस रिमांड की मांग स्वीकार कर ली गई है. पुलिस बुधवार को तीनों शूटरों सनी सिंह उर्फ मोहित, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य को लेकर प्रतापगढ़ जेल से प्रयागराज कोर्ट पहुंची थी. पुलिस के लिए तीनों शूटरों का मामला अबतक टेढ़ी खीर ही नजर आया है. अब कस्टडी मिलने के बाद कुछ ऐसे अहम सवालों की लंबी फेहरिश्त सामने आई है, जो पुलिस इन आरोपियों से पूछ सकती है.

इसमें सबसे अहम सवाल मोबाइल फोन से जुड़ा हुआ है. पुलिस को इन तीनों आरोपियों के पास से मोबाइल फोन नहीं मिला है. पुलिस यह जानना चाहेगी कि आखिर इन तीनों के मोबाइल फोन कहां हैं? ये तीनों मोबाइल लेकर वारदात करने क्यों नहीं गए थे? अगर इनके पास मोबाइल नहीं थे, तो ये तीनों आपस में संपर्क में कैसे आए थे?

100 से अधिक सवालों की लिस्ट हुई तैयार

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तीनों आरोपियों से पूछताछ के लिए उपरोक्त सवालों की तरह ही 100 से अधिक सवालों की लिस्ट तैयार की गई है. अतीक और अशरफ को मारने के लिए आरोपियों ने अत्याधुनिक और लाखों रुपये की जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल किया था. आरोपियों के घरवालों ने सवाल उठाए थे कि जिनके पास पैसे नहीं थे, उन्हें ये महंगा हथियार किसने दिया. पुलिस आरोपियों से इस संबंध में भी पूछताछ करेगी कि आखिर उनके पास ये पिस्टल कहां से आया.

जब मोबाइल फोन नहीं था, तो किसके इशारे पर चलाई गई गोली?

पुलिस आरोपियों से यह भी जानना चाहेगी कि आखिर जब उनके पास मोबाइल फोन नहीं था, तो वहां उन तीनों के अलावा क्या कोई और थो जो कोऑर्डिनेट कर रहा था? पुलिस यह भी पूछेगी कि वह मेन हैंडलर कौन था, जिसके इशारे पर फायरिंग शुरू की गई.

एक बड़ा सवाल यह भी है कि पुलिस अतीक अहमद और अशरफ को अस्पताल लेकर जा रही थी, इसकी जानकारी शूटर्स को कैसे मिली. पुलिस आरोपियों से इस संबंध में भी पूछताछ करेगी. आरोपियों ने हत्याकांड के बाद धार्मिक नारे भी लगाए थे. पुलिस जानना चाहेगी कि आखिर आरोपियों ने ऐसा क्यों किया था.

हालांकि सवाल कई हैं, लेकिन मोबाइल को लेकर रहस्य काफी बड़ा है. तीनों आरोपियों में से एक लवलेश तिवारी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव था. इसके बावजूद उसका मोबाइल भी बरामद नहीं हुआ है. अगर इन आरोपियों के मोबाइल बरामद होते हैं, तो यह पता लगाया जा सकता है कि ये किसके संपर्क में थे. अगर इस हत्याकांड के पीछे का मास्टरमाइंड कोई और है, तो उसतक पहुंचने का जरिया मोबाइल फोन हो सकते हैं.

Whatsapp share
facebook twitter