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स्वामी मौर्य का सिर काटने पर 500 रुपये-जीभ काटने पर 300 रुपये का इनाम दूंगा: परमहंस आचार्य

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) को लेकर अयोध्या तपस्वी छावनी के जगत गुरु परमहंस आचार्य ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने ना सिर्फ स्वामी प्रसाद मौर्य पर व्यक्तिगत हमले किए, बल्कि उनका सिर कलम करने वाले को 500 रुपये, उनकी जीभ काटने वाले को 300 रुपये और नाक-कान काटने वाले को 200 […]
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सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) को लेकर अयोध्या तपस्वी छावनी के जगत गुरु परमहंस आचार्य ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने ना सिर्फ स्वामी प्रसाद मौर्य पर व्यक्तिगत हमले किए, बल्कि उनका सिर कलम करने वाले को 500 रुपये, उनकी जीभ काटने वाले को 300 रुपये और नाक-कान काटने वाले को 200 रुपये इनाम देने की बात कही है. उन्होंने यह भी कहा कि इससे ज्यादा उनकी औकात नहीं है.

तपस्वी छावनी के जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने जब से रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी की है, तब से उनका मानसिक संतुलन बदल गया है. लगातार कुछ न कुछ विवादित बयान देते जा रहे हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य जिन चौपाइयों का जिक्र कर रहे हैं, उनका अर्थ उन्हें नहीं मालूम है. यह समाज में भ्रम फैलाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि लोगों को लड़ाने की बड़ी साजिश हो रही है. इसके पीछे जरूर कोई न कोई देश विरोधी ताकत है, जिनसे यह लोग मोटी फंडिंग ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि अयोध्या से मैं जगतगुरु परमहंस आचार्य चैलेंज देता हूं कि स्वामी प्रसाद मौर्य अपना डीएनए टेस्ट करा लें. उनकी मनः स्थिति बिगड़ गई है.

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आचार्य ने कहा कि मैंने भी स्वामी प्रसाद मौर्य के ऊपर इनाम रखा है कि जो उनका सिर कलम करेगा, उसको 500 रुपए का इनाम दूंगा. जो उनकी जीभ काटेगा, उसे 300 रुपए और जो नाक कान काटेगा, उसे 200 रुपए का इनाम दूंगा, क्योंकि इससे ज्यादा उनकी हैसियत नहीं है.

अयोध्या में राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास कह चुके हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्य पागल हो गए हैं. पागल की जगह या तो जेल या पागलखाने में होती है.

गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले रविवार को एक बयान में श्रीरामचरित मानस की एक चौपाई का जिक्र करते हुए इसे महिलाओं तथा पिछड़ों के प्रति अपमानजक करार दिया था और इस पर पाबंदी लगाने की मांग की थी. उनके इस बयान से खासा विवाद उत्पन्न हो गया था. संत समाज और हिंदूवादी संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया था. मामले में मौर्य के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ है.

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