गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple Attack) में सुरक्षाकर्मियों पर हमला कर घायल करने के आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी को एटीएस के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण पांडेय की कोर्ट आज सजा सुनाएगी. इस दौरान आरोपी को जेल से लाकर कोर्ट में पेश किया जाएगा. बता दें कि 4 अप्रैल 2022 को गोरखनाथ चौकी के मुख्य आरक्षी विनय कुमार मिश्र ने दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा था कि वह मंदिर के गेट नंबर एक का सुरक्षा प्रभारी था. तभी अचानक आरोपी ने बांके से पीएसी के सिपाही अनिल कुमार पासवान पर हमला कर हथियार छीनने की कोशिश की.
बचाव में अन्य सुरक्षाकर्मी आ गए तो आरोपी ने सिपाही गोपाल गौड़ को भी घायल कर दिया और बांका लहराते हुए धार्मिक नारे लगाने लगा. तभी आनन-फानन में पुलिस ने उसे पकड़ लिया गया. उसके पास से बांका, लैपटॉप और उर्दू में लिखी सामग्री बरामद की गई.
मामले की विवेचना एटीएस को दी गई. विवेचक और डिप्टी एसपी संजय वर्मा ने चार्जशीट दायर की. कोर्ट में सरकार के खर्च पर मुर्तजा को वकील दिया गया, जबकि अभियोजन की ओर से वादी विनय कुमार मिश्रा, घायल पीएसी जवान अनिल कुमार पासवान, गोपाल गौड़ के अलावा डाक्टर और अन्य समेत 27 गवाह पेश किए गए. उधर, आरोपी खुद को मानसिक बीमार बताता रहा, लेकिन इस संबंध में कोई सबूत न होने के कारण कोर्ट ने उसे दोषी ठहराया है.
दर्ज मामले के अनुसार, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से स्नातक अब्बासी ने तीन अप्रैल को गोरखनाथ मंदिर परिसर में जबरन प्रवेश करने की कोशिश की थी और सुरक्षाकर्मियों पर धारदार हथियार से हमला किया था. हमले में प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) के दो कांस्टेबल घायल हो गए थे. यूपी एटीएस के मुताबिक मुर्तजा को वर्ष 2014 में बंगलुरु पुलिस ने गिरफ्तार किया था. एटीएस के मुताबिक वह (मुर्तजा) विभिन्न आतंकवादी संगठनों के कट्टरपंथी प्रचारकों और आईएसआईएस की आतंकवादी विचारधारा को बढ़ावा देने वाले जिहादी साहित्य एवं ऑडियो/वीडियो से पूरी तरह प्रभावित था.