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लखनऊ: दादी ने देखा सपना कि उसका मृत पोता अभी भी है जिंदा और परिजनों ने फिर खोद डाली कब्र

Lucknow News: लखनऊ के दुबग्गा स्थित सैदपुर महरी गांव से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां मृत 3 साल के बच्चे को कब्र खोदकर वापस निकाला गया. वह भी इसलिए क्योंकि मृतक बच्चे की दादी ने एक सपना देखा था. सपने में उन्होंने देखा कि उनका मृतक पोता अक्षय अभी भी जिंदा है. जबकि उसकी मौत 3 दिन पहले ही हो चुकी थी.

विस्तार से जानिए पूरा मामला

मिली जानकारी के मुताबिक, विगत 14 जनवरी को दुबग्गा के सैदपुर महरी गांव का रहने वाला 3 वर्षीय मासूम अक्षय की तबीयत खराब चल रही थी. उसे उल्टियां हो रही थीं, जिसके बाद परिजनों ने उसे नजदीक के एक प्राइवेट अस्पताल में दिखाया, जहां डॉक्टर ने बताया कि बच्चे की मौत हो चुकी है. इसके बाद परिजनों ने बच्चे की डेड बॉडी को गांव के बाहर क्रीमेशन ग्राउंड में पूरे कर्मकांड कराने के बाद दफना दिया.

मगर 3 दिन बाद मृतक बच्चे की दादी को सपना आया कि उनका 3 वर्षीय मासूम पोता अभी भी जिंदा है, भले ही उसे दफना दिया गया है. इसके बाद सुबह होते ही दादी ने पूरे सपने की जानकारी परिजनों को दी, जिसके बाद माता पिता और अन्य परिवारजनों को उम्मीद की किरण जग गई. अंधविश्वास के चक्कर में मृतक बच्चे को फिर से पाने की आस में उसे कब्र ने निकालने की बात हुई.

बता दें कि कब्र खोदने से पहले वहां पर पूजा पाठ की गई और फिर 3 वर्षीय अक्षय को निकालकर परिजन रात में ही तत्काल लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों को इमरजेंसी में मृतक बच्चे को दिखाया गया. यहां इमरजेंसी में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने मृतक मासूम को देखा और बताया कि इसकी मौत हो चुकी है. मगर परिजनों ने डॉक्टर की एक नहीं मानी और वह जिद करने लगे जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को फोन करके इसकी सूचना दी.

जब पुलिस मौके पर आई तो परिजनों की सांत्वना के लिए चेकअप कराया गया, जिसमें हाथ की पल्स को चेक किया गया. साथ ही हार्टबीट चेक करने के लिए ईसीजी मशीन भी लगाई गई, लेकिन बच्चे ने रिस्पॉन्स नहीं किया क्योंकि वह 3 दिन पहले ही मर चुका था.

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पुलिस ने कही ये बात

वहीं इस मामले में एडीसीपी वेस्ट चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि 'बच्चे की दादी मां ने सपने में देखा कि उनका पोता जिंदा है, जिसके बाद परिजन ने गाड़े हुए बच्चे को निकाल लिया. जबकि बच्चे की मौत 3 दिन पहले ही हो चुकी थी. इसके बावजूद भी परिजन बच्चे को लेकर अस्पताल गए. जहां डॉक्टरों ने भी बच्चे को मरा हुआ बताया.'

एडीसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने यह भी बताया कि बच्चे की मौत के बाद उसे दफनाया गया था, तो जिंदा होने का कोई सवाल ही नहीं बनता. क्योंकि वह 3 दिन तक दफन रहा. एडीसीपी ने आगे बताया कि ठंड लगने की वजह से बच्चा उल्टियां कर रहा था और फिर उसकी मौत हो गई थी.

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