Mau News Hindi: मऊ जनपद के जिला अस्पताल से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक पत्रकार को अपना पत्रकारिता धर्म निभाना भारी पड़ गया. आरोप है कि डॉक्टर ने पत्रकार को हेलमेट से मारा. आरोप है कि जिला अस्पताल के इमरजेंसी में डॉक्टर मौजूद नहीं था. इसको लेकर पत्रकार वहां की वीडियो बना रहा था. आरोप है कि तभी यह देख भड़के डॉक्टर ने हेलमेट से पत्रकार पर हमला कर दिया.
विस्तार से जानिए पूरा मामला
यूपी अपराध समाचार: दरअसल यह पूरा मामला मऊ जिले के जिला अस्पताल से सामने आया है. यहां जिला अस्पताल में उस समय अफरा-तफरी और हड़कंप मच गया जब न्यूज कवरेज करने गए पत्रकार अमित सिंह चौहान को डॉक्टर ने मारा और पत्रकार का मोबाइल भी छीनने की कोशिश की.
मिली जानकारी के मुताबिक, जिला अस्पताल की इमरजेंसी में कोई भी डॉक्टर नहीं था, जिसका पत्रकार वीडियो बना रहा था और अपना पत्रकारिता धर्म का पालन कर रहा था. मगर ये बात इमरजेंसी में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर सौरभ त्रिपाठी को नागवार गुजरी. आरोप है कि डॉक्टर सौरभ त्रिपाठी तभी आए और पत्रकार का मोबाइल छीनने की कोशिश करने लगे.
इसके बाद पत्रकार भी अपना दूसरा मोबाइल निकालकर वीडियो बनाने लगे. मगर फिर डॉक्टर ने पत्रकार का मोबाइल छीनने की कोशिश की. आरोप है कि यह देख भड़के डॉक्टर ने अपने हेलमेट से पत्रकार पर हमला कर दिया. यह सारी घटना पत्रकार ने अपने मोबाइल में कैद कर ली और इस वीडियो को वायरल कर दिया.
पत्रकार को मिली थी इमरजेंसी में डॉक्टर के न होने की जानकारी
दरअसल पत्रकार को जानकारी मिली थी कि जिला अस्पताल के इमरजेंसी में कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं है. वहां पर इलाज कराने आए मरीज और उनके परिजन काफी परेशान थे. यह जानने के बाद पत्रकार यह न्यूज कवर करने के लिए वहां गए थे और अंदर जाकर शूट करने लगे थे. तभी इस बात की जानकारी वहां ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर सौरभ त्रिपाठी को हुई और वह बाइक से अस्पताल पहुंचे. इसके बाद यह पूरी घटना सामने आई है.
पुलिस पहुंची
UP Crime News: घटना की जानकारी होने पर जिला अस्पताल में पुलिस भी पहुंची और पूरे मामले की जानकारी ली. पुलिस ने दोनों पक्षों से पूरी घटना की जानकारी ली. पीड़ित पत्रकार के द्वारा थाने में डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए तहरीर दी गई है.
इस पूरी घटना को लेकर पीड़ित पत्रकार अमित सिंह चौहान ने बताया, “मुझे सूचना मिली थी कि जिला अस्पताल के इमरजेंसी में कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं है. ऐसे में यहां पर जो मरीज आए हुए हैं उनका ठीक से इलाज नहीं हो रहा है. घंटों से यहां पर ऐसे ही सारी व्यवस्था ठप पड़ी हुई थी. मुझे सूचना मिली और मैं यहां पर आकर फौरन खबर बनाने लगा. मैं अपना मोबाइल निकाल कर खबर बना रहा था इसी दौरान बाइक खड़ी करने के बाद डॉक्टर ने मेरे हाथ से मोबाइल छीन लिए. जब मैंने अपने दूसरे मोबाइल से रिकॉर्ड करना शुरू किया तब उन्होंने अपना हेलमेट लिए और मुझें मार दिया.”