बीएचयू: छेड़खानी की घटना को लेकर छात्र-छात्राओं ने किया प्रदर्शन, निकाला कैंडल मार्च

रोशन जायसवाल

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वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में बीते दिनों एक दृष्टिहीन छात्रा के साथ हुई छेड़खानी की घटना के मामले में इंसाफ ना मिल पाने से नाराज छात्रों के आज सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने न केवल कैंडल मार्च निकाला, बल्कि कुलपति के पुतले को भी आग के हवाले कर दिया.

दृष्टिहीन छात्र-छात्राओं के समर्थन में सैकड़ों की संख्या में अन्य विभागों और संकायों से छात्र-छात्राएं आकर साथ खड़े हुए. नाराज छात्र छात्राओं ने बीएचयू का मेन गेट बंद करके वहां भी प्रदर्शन शुरू कर दिया.

बीते 25 जनवरी को वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में बीए फर्स्ट ईयर की दृष्टिहीन एक छात्रा के साथ उस वक्त छेड़खानी की गई जब उसे एक शख्स ने हॉस्टल छोड़ने के बहाने मदद का भरोसा दिलाकर अपनी बाइक पर बिठाया था.

छेड़खानी की घटना के 24 घंटे बाद ही आरोपी को पुलिस ने छोड़ दिया, जिसपर नाराज दृष्टिहीन छात्र-छात्राओं ने कुलपति आवास पर यह आरोप लगाकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया कि बीएचयू के पूर्व डीन का बेटा होने की वजह से बीएचयू प्रशासन ने मिलीभगत करके आरोपी को छुड़ाया है और फिर लगातार कुलपति आवास के बाहर ही छात्र-छात्राओं ने अपना धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया.

16 दिन बीत जाने के बाद भी आज जब मामले में इंसाफ नहीं मिला तब छात्र-छात्राओं के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने न केवल कुलपति का पुतला फूंका, बल्कि कैंडल मार्च निकालकर बीएचयू के मुख्य द्वार पर पहुंचे और वहां चक्का जाम करके विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

छात्र-छात्राओं की मांग है कि छेड़खानी की बढ़ती घटनाओं पर बीएचयू में अंकुश लगे और दृष्टिहीन छात्रा को इंसाफ तो मिले ही साथ ही साथ छात्राओं के लिए विश्वविद्यालय में कमेटी भी बनाई जाए.

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