वाराणसी: 644 करोड़ की रोप-वे प्रोजेक्ट ने पकड़ी रफ्तार, हर मौसम में आरामदायक होगा इसका सफर

रोशन जायसवाल

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Varanasi News: पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे का काम इसी सप्ताह से उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में शुरू हो जाएगा. माना जा रहा है कि काम शुरू होते ही रोपवे दो साल के भीतर बनकर तैयार भी हो जाएगा. जिसका लाभ आम लोग सकेंगे. पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के पिछले दौरे पर 24 मार्च को परियोजनाओं की सौगातों में 644.49 करोड़ की लागत वाली देश की पहली अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे की सौगात भी आधारशिला रखी थी.

देश का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे

इसी सप्ताह रोपवे के काम शुरू होने के बारे में वाराणसी के मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि देश के पहले अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे का काम इसी सप्ताह वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर बेस टर्मिनल के काम से शुरू हो जाएगा. इस संबंध में निर्माण सामग्री की गुणवत्ता की स्वीकृति के लिए एजेंसियों को नियुक्त भी कर दिया गया है और भूमि अधिग्रहण का काम भी तेजी से चल रहा है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि भूमि का कम से कम उपयोग हो इसके लिए खंभों की संरेखण में कुछ बदलाव भी किए जा रहें हैं. रोपवे के लिए 30 खंभें बनेंगे. जिसमें 10 सरकारी और 20 निजी भूमि पर बनाए जाएगें. इसके लिए खंभों की डिजाइन में कुछ बदलाव करने का काम कार्यदायी संस्था कर रही है. जिससे कम से कम भूमि का उपयोग होगा.

16 मिनट में पूरा होगा सफर

मालूम हो कि वाराणसी में रोपवे का शिलान्यास पीएम मोदी ने 24 मार्च को किया था. इस परियोजना को पूरा करने की जिम्मेदारी भारत सरकार की सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की है और इसको स्विजरलैंड की कंपनी बर्थोलेट बना रही है. 3.8 किलोमीटर वाला रोपवे वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन से शुरु होकर गौदोलिया चौराहे तक जाएगा. यह सफर सिर्फ 16 मिनट ही पूरा हो जाएगा. रोपवे पर 150 केबल कार या ट्रॉलियां होंगी जो सड़क से 50 मीटर ऊपर दौड़ेगी. प्रत्येक ट्रॉली में 10 लोग एक साथ सवार हो सकेंगे.

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दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा रोपवे

एक घंटे में दोनों तरफ से 600 ट्रॉलियां गुजर जाएगी. इसका मतलब हर मिनट दोनों तरफ से 10 ट्रॉलियां गुजर जाएंगी. यानी हर मिनट 100 यात्री ट्रॉलियों पर सवार रहेंगे. माना जा रहा है कि रोपवे 2 साल में बनकर तैयार हो जाएगा. 3.8 किलोमीटर के फासले के दौरान रोपवे में कुल 5 स्टेशन होंगे. जिसमें कैंट रेलवे स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर और गोदौलिया चौराहा शामिल होगा.

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