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UP कांग्रेस के अध्यक्ष बने अजय राय, मुख्तार से अदावत और मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे चर्चा में

कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में अपने पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल किया है. कांग्रेस ने यूपी के प्रदेश अध्यक्ष को बदल दिया है. यूपी कांग्रेस को अब बृजलाल खाबरी (Brijlal Khabri) की बजाय अजय राय (Ajay Rai) लीड करें. AICC ने त्वरित प्रभाव से अजय राय को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया है. आपको […]
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कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में अपने पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल किया है. कांग्रेस ने यूपी के प्रदेश अध्यक्ष को बदल दिया है. यूपी कांग्रेस को अब बृजलाल खाबरी (Brijlal Khabri) की बजाय अजय राय (Ajay Rai) लीड करें. AICC ने त्वरित प्रभाव से अजय राय को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया है. आपको बता दें कि पिछले काफी दिनों से इस बात की चर्चाएं थीं कि कांग्रेस बृजालाल खाबरी को हटा सकती है. कांग्रेस ने पिछले साल अक्टूबर में बृजलाल खाबरी को यूपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था. तब अजय राय उनकी टीम में क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाए गए थे.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की रेस में अजय राय के अलावा कांग्रेस के दूसरे दिग्गज नेता भी रेस में माने जा रहे थे. हालांकि बाजी अजय राय के हाथ लगी. आपको बता दें कि अजय राय पूर्वांचल की राजनीति के एक चर्चित नाम रहे हैं. वह बाहुबली मुख्तार अंसारी से अपने परिवार की अदालत और पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से दो-दो बार लोकसभा चुनाव लड़कर भी अक्सर चर्चा में रहे हैं.

अजय राय की सियासी यात्रा

अजय राय की सियासत का एक रोचक पहलू यह है कि उनकी सियासी यात्रा बीजेपी से ही शुरू हुई है. वाराणसी में पैदा हुए अजय राय की भी एक बाहुबली की छवि रही है. अजय राय पांच बार विधायक रह चुके हैं. उन्होंने अपनी सियासी यात्रा बीजेपी युवा मोर्चा से शुरू की. 1996 में अजय राय ने पहली बार बीजेपी के टिकट पर कोलसला विधानसभा से चुनाव लड़ा और 9 बार से विधायक रहे सीपीआई के नेता को मात दी. फिर वह इस सीट पर 2002, 2007 में भी चुने गए.

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2009 में बीजेपी छोड़ सपा में हुए शामिल

अजय राय ने बाद के दिनों में वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का मन बनाया. हालांकि बीजेपी ने उनकी यह मांग नहीं मानी, तो उन्होंने पार्टी छोड़ समाजवादी पार्टी का साथ पकड़ लिया. सपा के टिकट पर अजय राय ने 2009 में वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन वह तीसरे स्थान पर रहे. लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद उन्होंने कोलसला सीट से विधानसभा का उपचुनाव लड़कर जीत हासिल कर ली.

परिसीमन के बाद जब सीट बदली, तो अजय राय ने 2012 का विधानसभा चुनाव पिंडरा सीट से बड़ी मार्जिन से जीत लिया.

फिर शामिल हुए कांग्रेस में

अजय राय की सियासी यात्रा उन्हें सपा से लेकर कांग्रेस तक लेकर आई है. अजय राय ने 2014 और 2019 में कांग्रेस के टिकट पर वाराणसी सीट से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा है.

मुख्तार अंसारी से दुश्मनी की रही खूब चर्च

अजय राय के परिवार और मुख्तार अंसारी के बीच की दुश्मनी भी पूर्वांचल में खासी चर्चित रही है. पिछले दिनों अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की हत्या के आरोप में मुख्तार अंसारी को सजा मिली. इसके बाद अजय राय ने कोर्ट की चौखट पर सिर रखकर न्याय के लिए शुक्रिया अदा किया.

आपको बता दें कि 3 अगस्त 1991 को अवधेश राय की हत्या हुई थी. अजय राय और उनके भाई घर वाराणसी स्थित अपने घर के दरवाजे पर खड़े थे, तभी मुख्तार अंसारी सहित कुछ हमलावर वहां एक कार से पहुंचे और अवधेश को गोली मार दी. ऐसा कहा जाता है कि अजय राय ने जवाबी कार्रवाई में अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से गोली चलाई थी, जिसके बाद हमलावर कार छोड़कर फरार हो गए. बाद में मुख्तार को इसी मामले में सजा मिली है.

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