
Akhilesh Yadav news: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत को विकसित देश बनाने के लिये भगवान बुद्ध का रास्ता अपनाने की सलाह दी है. आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों के तहत लखनऊ में आयोजित सपा ‘महासम्मेलन’ में यादव का खास जोर कुशवाहा, मौर्य, सैनी और शाक्य समुदाय को अपने साथ जोड़ने पर रहा. सम्मेलन में प्रदेश से मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के विधायक, पूर्व विधायक, पदाधिकारी, नेता और प्रतिनिधि मौजूद रहे.
सपा अध्यक्ष ने कहा, ‘अभी कुछ दिनों पहले मैं प्रधानमंत्री जी का भाषण सुन रहा था. वह लाल किले से संकल्प ले रहे थे कि हमारा भारत देश विकसित देश बन जाए. दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ जाए. यहां आज मैं कुशवाहा, मौर्य, सैनी और शाक्य लोगों से कह सकता हूं कि जो लाल किले से विकसित देश बनाने की बात और संकल्प दोहरा रहे थे वे केवल भगवान बुद्ध का रास्ता अपना लें तो भारत अपने आप विकसित देशों की श्रेणी में खड़ा दिखाई देगा.’
आगामी लोकसभा चुनाव में जीत के लिए पिछड़े, दलितों और अल्पसंख्यकों (पीडीए) के फार्मूले पर भरोसा जता रहे यादव ने कहा, ‘मैं यहां जिन लोगों को देख रहा हूं वे तथागत भगवान बुद्ध को मानने वाले लोग हैं. मेरे सामने मंच पर और आसपास दिखाई दे रहे लोग चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य, चक्रवर्ती सम्राट अशोक के वंशज हैं.’
अखिलेश बोले, बहुजन समाज अब अपने अधिकारों को समझने लगा
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘जहां आज हमारा देश विकसित होना चाहिए वहीं हमें यह भी सोचना पड़ेगा कि समाज की वह कौन सी ताकतें हैं जो बाबा साहब के दिए संविधान को हमसे छीनना चाहती हैं.’ अखिलेश यादव ने कहा कि बहुजन समाज को समय-समय पर धोखे मिले हैं और अब यह समाज अपने अधिकारों को समझने लगा है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम कभी पिछड़े नहीं थे. साजिशों से हमारे समाज को पिछड़ा बना दिया गया है, लेकिन अब पिछड़ा और दलित समाज जागरूक हुआ है. वह अपने अधिकारों की मांग कर रहा है. हर क्षेत्र में वह आगे आ रहा है इसीलिए भाजपा घबराई हुई है. भाजपा किसी भी हद तक साजिश और षडयंत्र कर सकती है. भाजपा से सावधान रहना होगा.’
अखिलेश यादव ने सामाजिक न्याय की लड़ाई लंबी होने का दावा करते हुए कहा कि जातीय जनगणना उसकी अगली कड़ी है. उन्होंने कहा कि समाजवादी लोग लंबे समय से जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोकसभा में मुलायम सिंह यादव, शरद यादव और लालू प्रसाद यादव के साथ-साथ दक्षिण भारत के नेताओं ने मांग की थी और उस समय की सरकार ने जातीय जनगणना कराने के लिए स्वीकार किया था, लेकिन आंकड़े नहीं जारी हुए थे.
उन्होंने कहा, ‘हम समाजवादी लोग चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो, और सभी जातियों को उनकी आबादी के अनुपात में हक और सम्मान मिले, लेकिन जिनकी संख्या आबादी में बहुत कम है वही जातीय जनगणना नहीं होने देना चाहते हैं. जब कभी भी समाजवादियों को मौका मिलेगा तो जातीय जनगणना कराकर सभी को उनके आबादी के अनुपात में हक और सम्मान दिलाने का काम करेंगे.’ भाजपा सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए यादव ने कहा कि जब कभी आकलन होगा और रिपोर्ट तैयार होगी तो यही निकलेगा कि नोटबंदी भाजपा सरकार का सबसे ‘भ्रष्ट फैसला’ था.