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घोसी उपचुनाव में होनी थी 34 राउंड की काउंटिंग, गिने गए 33 राउंड के ही वोट! जानिए क्यों हुआ ऐसा

Ghosi Byelection: उत्तर प्रदेश की घोसी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार सुधाकर सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और भारतीय…
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Ghosi Byelection: उत्तर प्रदेश की घोसी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार सुधाकर सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार दारा सिंह चौहान को 42,759 मतों के अंतर से पराजित कर दिया. निर्वाचन आयोग के अनुसार, सुधाकर सिंह को कुल 1,24,427 मत मिले, जबकि दारा सिंह चौहान के पक्ष में 81,668 मतदाताओं ने मतदान किया. मतगणना के दौरान कुल 33 दौर की गिनती हुई. विशेष परिस्थिति के लिए आरक्षित 34वें राउंड की स्थिति नहीं आई.

कब आती है आरक्षित राउंड की गिनती की नौबत?

दरअसल, जब काउंटिंग के वक्त दो उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर चल रही होती है, मसलन दोनों के बीच कुछ ही वोटों का अंतर होता है, तब आरक्षित राउंड की नौबत आती है.

क्या होता है आरक्षित राउंड में?

अब इस बात को उदहारण के जरिए समझते हैं. फर्ज कीजिए अगर किसी चुनाव में दो उम्मीदवारों के बीच महज 50 वोटों का अंतर है. ऐसे में जो उम्मीदवार पिछड़ रहा है वह आरक्षित राउंड की मांग कर सकता है. अब आरक्षित राउंड में यह होता है कि पिछड़ने वाला उम्मीदवार अगर किसी राउंड जैसे कि वह बोल दे कि 14वें राउंड में वोटों की गिनती गलत हुई है, तो फिर ऐसे में उस संबंधित राउंड की फिर से काउंटिंग होती है. साथ ही में आरक्षित राउंड में बैलट पेपर के वोट भी फिर से गिने जाते हैं.

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आपको बता दें कि उपचुनाव के नतीजे का भाजपा सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जिसे 403 सदस्यीय राज्य विधानसभा में बहुमत हासिल है. इसका परिणाम 2024 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से एक संकेत हो सकता है. उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं. इस उपचुनाव में कुल 10 उम्मीदवार मैदान में थे. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने उपचुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था.

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