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एक देश-एक चुनाव: अखिलेश यादव का बीजेपी को चैलेंज- आइए सबसे पहले यूपी में ही कराके देख लें

Akhilesh Yadav News: मुंबई में एक विपक्ष के INDIA अलायंस की बैठक के बीच मोदी सरकार ने एक देश-एक चुनाव का नारा उछाला है. देश…
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Akhilesh Yadav News: मुंबई में एक विपक्ष के INDIA अलायंस की बैठक के बीच मोदी सरकार ने एक देश-एक चुनाव का नारा उछाला है. देश में एक साथ चुनाव कराने की व्यवहारिकता का पता लगाने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कीअध्यक्षता में एक समिति का गठन कर दिया गया है. इस फैसले ने देश में सियासत को तेज कर दिया है और इसपर तीखी सियासी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. इस बीच मुंबई में INDIA अलायंस की बैठक से लौटे समाजवादी चीफ अखिलेश यादव ने इसे लेकर बीजेपी को ही चुनौती दे दी है.

अखिलेश यादव ने शनिवार को इस मामले को लेकर एक ट्वीट किया. अखिलेश ने बीजेपी को सलाह दी कि हर काम से पहले प्रयोग करके देखा जाता है. अखिलेश ने एक देश-एक चुनाव का प्रयोग सबसे पहले यूपी में करने की चुनौती दी.

अखिलेश ने इस ट्वीट में लिखा, ‘हर बड़े काम को करने से पहले एक प्रयोग किया जाता है, इसी बात के आधार पर हम ये सलाह दे रहे हैं कि ‘एक देश-एक चुनाव’ करवाने से पहले भाजपा सरकार, इस बार लोक सभा के साथ-साथ देश के सबसे अधिक लोकसभा व विधानसभा सीटोंवाले राज्य उत्तर प्रदेश के लोकसभा-विधानसभा के चुनाव साथ कराके देख ले. इससे एक तरफ़ चुनाव आयोग की क्षमता का भी परिणाम सामने आ जाएगा और जनमत का भी, साथ ही भाजपा को ये भी पता चल जाएगा कि जनता किस तरह भाजपा के ख़िलाफ़ आक्रोशित है और उसको सत्ता से हटाने के लिए कितनी उतावली है.’

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अब जाहिर तौर पर अखिलेश यादव एक देश-एक चुनाव को लेकर तंज कसते नजर आ रहे हैं. हालांकि यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ खुलकर इसके पक्ष में आए हैं. उन्होंने एक देश-एक चुनाव को एक अभिवन पहल करार दिया है और इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी को हृदय से धन्यवाद भी दिया है. इससे पहले कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड और INDIA अलायंस की दूसरी सहयोगी पार्टियों ने भी एक देश-एक चुनाव के पीछे छिपी राजनीति को लेकर केंद्र सरकार और बीजेपी की आलोचना की है.

वैसे एक देश-एक चुनाव की ये पहल पुरानी, पर तब नहीं पहुंची थी मंजिल पर

सीएम योगी ने भले ही इसे अभिनव पहल कहा हो, लेकिन ये मामला जरा पुराना है. मोदी सरकार से पहले वाजपेयी और आडवाणी के नेतृत्व में भी बीजेपी एक साथ चुनाव कराने के एजेंडा पर काम कर चुकी है. तब वाजपेयी पीएम थे, तो आडवाणी ने इसकी वकालत ली, लेकिन दूसरे दल चुप रहे और मुद्दा कमजोर हो गया. बीजेपी ने 2014 के चुनाव से पहले पार्टी के घोषणापत्र में भी इसका जिक्र किया था. तब बीजेपी ने अन्य दलों के साथ विचार-विमर्श करने की बात कही थी.

पीएम मोदी ने सबसे पहले 2016 में दिवाली के दौरान इसकी सार्वजनिक वकालत की थी. हालांकि तब भी ये मामला आगे नहीं बढ़ा. अब जबकि INDIA अलायंस तेजी से मोदी सरकार को घेर रहा है, तो फिर एक बार एक देश एक चुनाव की चर्चा जोरों पर है. इस बीच सरकार ने 18 से 22 सितंबर के बीच संसद का ‘विशेष सत्र’ बुलाने की घोषणा भी की है. नीतीश कुमार, ममता बनर्जी जैसे बड़े विपक्षी नेता सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि मोदी सरकार समय से पहले चुनाव कराने की तैयारी में है. ऐसे में यह देखना रोचक होगा कि एक देश एक चुनाव के इर्द गिर्द नैरेटिव गढ़ने में मोदी सरकार सफल होती है, या विपक्ष उन्हें अपने एजेंडे से मात दे पाता है.

(भाषा के इनपुट्स के साथ).

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