
Hari shankar Tiwari News: उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी का मंगलवार की शाम 90 वर्ष की उम्र में गोरखपुर में निधन हो गया. तिवारी के पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि पूर्व मंत्री ने गोरखपुर स्थित अपने आवास पर आज शाम अंतिम सांस ली. गोरखपुर जिले के बड़हलगंज थाना क्षेत्र के टांडा गांव निवासी तिवारी पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थे. आज तिवारी बेशक इस दुनिया में न हों, लेकिन उनके चर्चे और किस्से अभी भी फिजाओं में तैर रहे हैं. आपको बता दें कि हरिशंकर तिवारी का अपने दौर में कुछ ऐसा जलवा था कि उनके लिए एक झटके में हजारों लोग इकट्ठा हो जाते थे. आज हम इसी से जुड़ा एक किस्सा आपको सुनाएंगे.

यह बात साल 1986 की है. गोरखपुर जिले के बड़हलगंज इलाके में तब के कांग्रेस और ब्राह्मणों के बड़े नेता पंडित कमलापति त्रिपाठी नेशनल डिग्री कॉलेज के एक प्रोग्राम में आमंत्रित थे. इस कार्यक्रम के आयोजक थे पंडित हरिशंकर तिवारी, जो जेल में रहते हुए निर्दलीय विधायक चुने गए थे. तब सूबे के मुख्यमंत्री थे वीर बहादुर सिंह.
आयोजन खत्म हुआ तो कमलापति त्रिपाठी के काफिले को छोड़ने के लिए तिवारी 3 किलोमीटर दूर दोहरीघाट तक गए, जो मऊ जिले में आता है. लौटते समय पुलिस ने गोरखपुर की सीमा में उन्हें गिरफ्तार कर लिया. अचानक अफवाह फैली कि वीर बहादुर सिंह तिवारी का एनकाउंटर कराना चाहते हैं. पुलिस उन्हें लेकर गोरखपुर की तरफ निकली. खबर जंगल में आग की तरह फैली. तब मोबाइल फोन का जमाना नहीं था, लेकिन मुख्यालय तक पहुंचते-पहुंचते गाड़ियों का काफिला लंबा हो गया. तकरीबन 5000 लोगों ने थाना घेर लिया था.
उधर कमलापति त्रिपाठी बनारस पहुंचे तो उन्हें पता चला कि हरिशंकर तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके बाद त्रिपाठी ने सीएम से बात की. इधर ‘जय-जय शंकर, जय हरिशंकर’ के नारे तेज होते जा रहे थे, पुलिस स्थिति को संभालने में नाकाम नजर आ रही थी. आखिरकार तिवारी को पुलिस ने आखिर में छोड़ दिया और वह बाद में ब्राह्मणों के बड़े नेता बन गए.