UP के भाजपा एमएलए मुंबई में होने वाले ‘राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन’ में नहीं जाएंगे, सामने आई वजह

शिल्पी सेन

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

UP Political News: यूपी के भाजपा विधायकों के ‘राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन’ में जाने पर रोक लग गयी है. 15-17 जून तक मुंबई में होने वाले राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन में अब उत्तर प्रदेश के विधायक नहीं पहुंच पाएंगे. इसकी वजह यूपी में चल रहे महाजनसंपर्क अभियान के अंतर्गत होने वाली रैलियां हैं. शीर्ष नेतृत्व मिशन यूपी की 80 सीटों पर फोकस नहीं हटाना चाहता है. यही वजह है कि अब देश भर के विधायकों के साथ होने वाले सम्मेलन और ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए यूपी के विधायक नहीं जा सकेंगे.

मुंबई में BKC के जीयो कन्वेन्शन सेंटर में 15-17 जून तक एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नन्स और अतुल्य भारत निर्माण फाउंडेशन ‘राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन’ करा रहा है. छात्र संसद की भी इसमें भागीदारी है. इसमें देश भर के एमएलए (Mla) और एमएलसी (Mlc) को संसदीय परम्पराओं और संवाद की ट्रेनिंग दी जाएगी. कहा जा रहा है कि किस तरह से विधायक सदन में आचरण करें. इसके लिए संसदीय परम्पराओं के विशेषज्ञ और वरिष्ठ राजनेता उनकी क्लास लेंगे. पर यूपी में मिशन 80 को सफल बनाने में जुटी यूपी बीजेपी के विधायक अब इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे. शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश में चल रहे सघन महासम्पर्क अभियान की रैलियों की सफलता को देखते हुए इसका फैसला किया है.

यूपी के 200 भाजपा विधायकों ने कर ली थी तैयारी

हालांकि यूपी में विधायकों कि संख्या सबसे ज्यादा है. अगर विधानसभा सदस्य और विधान परिषद सदस्यों कि बात करें तो करीब 200 से ज्यादा विधायकों ने मुंबई जाने के लिए ना सिर्फ तैयारी कर ली थी बल्कि कार्यक्रम के लिए रेजिस्ट्रेशन भी करवा लिया था. विधायक इस बात को लेकर उत्साहित थे. पर यूपी में 30 मई से 30 जून तक चलने वाले महासम्पर्क अभियान के तहत 10 जून से 20 जून तक रैलियां होनी हैं. पार्टी ने इसकी पूरी तैयारी की है. योजना हो ये है हर कि हर लोकसभा में रैली हो. इन रैलियों में पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय मंत्रियों के कार्यक्रम होंगे. इसमें से 1-2 रैली में पीएम मोदी भी शामिल हो सकते हैं. अभी इसकी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है.

भाजपा विधायकों को दी गई ये जिम्मेदारी

महासम्पर्क रैलियों में लोगों की भीड़ जुटाने और रैली को स्थानीय स्तर पर मैनेज करने का काम विधायकों को दिया गया है. यानि पार्टी पदाधिकारी के साथ जनप्रतिनिधि (सांसद और विधायक) इन रैलियों की व्यवस्था के लिए जिम्मेदार होंगे. अब इन रैलियों की व्यवस्था में कोई खलल न पड़े इसके लिए बीजेपी के विधायकों को कहा गया है कि वो रैली की तिथियों के बीच पड़ने वाले सम्मेलन में न जाएं. साथ ही यूपी में पार्टी के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी की वजह से भी विधायकों का प्रदेश और अपने क्षेत्र में मौजूद रहना जरूरी है. इसलिए बड़ी संख्या में विधायकों की गैरमौजूदगी को भांपते हुए शीर्ष नेतृत्व ने यूपी में ही रहने को विधायकों से कह दिया है.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

    Main news
    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT