अलीगढ़ को हरिगढ़ करने के प्रस्ताव पर बवाल, AMU छात्र नेता ने किया विरोध

यूपी तक

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

जिला पंचायत द्वारा अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ़ किए जाने के प्रस्ताव को लेकर राजनीति गर्म हो गई है. जहां एक ओर बीजेपी की जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह प्रस्ताव की फाइल शासन को भेजने की बात कह रही हैं. वहीं, दूसरी तरफ एएमयू छात्रसंघ के निवर्तमान सचिव हुजैफा आमिर रशादी ने कहा है कि अलीगढ़ की खुद्दार अवाम को ये सोचना चाहिए की बीजेपी सरकार उनके जज्बात से बस खेल रही है.

मामले को लेकर एएमयू छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष व आजाद समाज पार्टी के नेता हमजा सूफियान ने कहा है कि अगर अलीगढ़ का नाम बदला गया तो 2022 में बीजेपी की हुकूमत नहीं बनने दी जाएगी.

वादों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए सरकार ने छोड़ा शिगूफा

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

एएमयू छात्रसंघ के निवर्तमान सचिव हुजैफा आमिर रशादी ने कहा, अगले 6 महीने में प्रदेश में चुनाव है. सरकार ने अलीगढ़ में स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर जो वादे किए थे वो सारे खोखले साबित हुए. उन वादों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए सरकार ने एक शिगूफा छोड़ा है.

बकौल हुजैफा, क्या नाम बदलने से अलीगढ़ के हालात बदल जायेंगे? जो कुछ नहीं करते वो दूसरों के काम का नाम बदलते हैं. उन्होंने कहा कि अलीगढ़ की खुद्दार अवाम को ये सोचना चाहिए की बीजेपी सरकार उनके जज्बात से बस खेल रही है.

ADVERTISEMENT

क्या नाम बदलने से महंगाई कम हो जाएगी?

एएमयू छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष व आजाद समाज पार्टी के नेता हमजा सुफियान ने कहा, क्या शहरों के नाम बदलने से, जिलों के नाम बदलने से इस मुल्क के मसले-मसाइल हल हो जाएंगे? जो परेशानियां हैं वे खत्म हो जाएंगी? क्या हिंदुस्तान में बढ़ती महंगाई कम हो जाएगी? क्या लोगों को नौकरियां मिल जाएंगी? बकौल सुफीयान, इस हुकूमत ने विकास के नाम पर कुछ नहीं किया है.

ADVERTISEMENT

उन्होंने कहा कि जब कोरोना की दूसरी लहर आई थी तब लोगों के पास ऑक्सीजन नहीं थी. लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा था. श्मशान में लकड़ी नहीं मिल रही थी, कब्रिस्तान में दफनाने के लिए जगह नहीं मिल रही थी. सरकार इज्जत दार जिंदगी देने के बजाए, इज्जत की मौत तक नहीं दे पाई.

उन्होंने कहा आगे कि अगर यह सरकार एक तरह की सियासत से देश को तोड़ना चाहेगी तो आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व में देश के अंदर बड़ा आंदोलन होगा. बकौल सुफियान, अगर नाम बदलने का प्रस्ताव शासन से पास होता है तो 2022 में भाजपा की हुकूमत नहीं बनने दी जाएगी.

गौरतलब है कि सोमवार को जिला पंचायत सभागार में बैठक के दौरान अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ करने का प्रस्ताव पास हुआ था.

    Main news
    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT