+

देखिए कैसे होती है श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की मंगला, भोग, सप्त ऋषि और श्रृंगार भोग आरती

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रतिदिन 4 प्रकार की आरती होती हैं. आगे की तस्वीरों में विस्तार से जानिए कि कौनसी आरती कब होती है. दिन की शरुआत में सबसे पहले मंगला आरती होती है. यह आरती सुबह 3-4 बजे के बीच होती है. मंगला आरती में शामिल होने के लिए भक्तों को रात 2:30-3:00 […]
featuredImage

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रतिदिन 4 प्रकार की आरती होती हैं. आगे की तस्वीरों में विस्तार से जानिए कि कौनसी आरती कब होती है.

दिन की शरुआत में सबसे पहले मंगला आरती होती है. यह आरती सुबह 3-4 बजे के बीच होती है.

मंगला आरती में शामिल होने के लिए भक्तों को रात 2:30-3:00 के बीच मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति मिलती है.

काशी विश्वनाथ मंदिर में दोपहर को भोग आरती की जाती है. मंगला आरती के बाद यह दिन की दूसरी आरती होती है.

भोग आरती प्रतिदिन सुबह 11:15 से दोपहर 12:20 बजे के बीच की जाती है. इसमें शामिल होने के लिए भक्तों को आधे घंटे पहले मंदिर में आना होता है.

सप्त ऋषि आरती एक प्राचीन अनुष्ठान है जो 750 साल से अधिक पुराना है. अलग-अलग गोत्र से संबंधित 7 शास्त्री/पंडित/पुरोहित एक साथ आरती करते हैं.

सप्त ऋषि आरती हर शाम 7:00-8:15 के बीच होती है. भक्तों को इसमें शामिल होने के लिए आधा घंटा पहले मंदिर में आना होता है.

श्रृंगार भोग आरती, सप्तऋषि आरती के बाद दिन की चौथी आरती होती है. श्रृंगार भोग आरती में भगवान शिव को भोजन की पेशकश की जाती है.

यह आरती प्रतिदिन रात 9:00 बजे से 10:15 बजे के बीच की जाती है. इसमें शामिल होने के लिए भक्तों को आधे घंटे पहले मंदिर में आना होता है.

Whatsapp share
facebook twitter