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अखिलेश यादव का दावा- घोसी उपचुनाव में SP की होगी ऐतिहासिक जीत, बीजेपी पैसों का…

Akhilesh Yadav News: 1857 की क्रांति में अहम भूमिका निभाने वालीं महान वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी की जयंती के अवसर पर मंगलवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर अखिलेश ने घोसी उपचुनाव को लेकर भी बयान दिया. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इस उपचुनाव में […]
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Akhilesh Yadav News: 1857 की क्रांति में अहम भूमिका निभाने वालीं महान वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी की जयंती के अवसर पर मंगलवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर अखिलेश ने घोसी उपचुनाव को लेकर भी बयान दिया. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इस उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की ऐतिहासिक जीत होगी.

उन्होंने कहा, “घोसी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी जीतने जा रही है. ऐतिहासिक वोटों से जीतेगी समाजवादी पार्टी. समीकरण नहीं बना रही बीजेपी, अधिकारियों को बिठा रही है. पैसों का इंतजाम कर रही है, लोगों को डराने का काम कर रही है.”

तो क्या मायावती नहीं उतारेंगी प्रत्याशी?

गौरतलब है कि घोसी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर माहौल गर्म है. इस उपचुनाव के लिए सपा के बागी नेता और निवर्तमान विधायक दारा सिंह चौहान को भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है. वहीं, सपा की ओर सुधाकर सिंह मैदान में हैं. अभी तक मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इस उपचुनाव के लिए अपने पत्ते नहीं खोले थे, लेकिन इस बीच सूत्रों के हवाले से पता चला है इस उपचुनाव के लिए मायावती अपना उम्मीदवार नहीं उतरने जा रही हैं. यानी कि अब घोसी में सीधा मुकाबला भाजपा के दारा सिंह चौहान और समाजवादी पार्टी के सुधाकर सिंह के बीच देखने को मिल सकता है.

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बसपा के लिए यह उपचुनाव क्यों है महत्वपूर्ण?

ऐसा कहा जा रहा है कि जो भी पार्टी इस उपचुनाव को जीतेगी तो यह माना जाएगा कि उसका गठबंधन उत्तर प्रदेश में मजबूत है. यानी ओमप्रकाश राजभर और दारा सिंह चौहान के रहते अगर समाजवादी पार्टी घोसी उपचुनाव जीत लेगी तो अखिलेश यादव का कद ‘इंडिया’ गठबंधन में बढ़ जाएगा. क्योंकि तब यह कहा जाएगा भाजपा के अपने गठबंधन में राजभर सरीखे नेताओं के होने के बाद भी अखिलेश यादव का गठबंधन भारी है और उन्हें उत्तर प्रदेश में ‘इंडिया’ गठबंधन लीड करना चाहिए. लेकिन अगर सपा हार गई और भाजपा जीत गई तब उत्तर प्रदेश में ‘इंडिया’ गठबंधन पर गंभीर सवाल खड़े होंगे.

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