
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पुलिस कस्टडी में 15 अप्रैल को माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी गई थी. ठीक एक महीने बाद जौनपुर में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जौनपुर जिले की दीवानी कस्टडी में पुलिस अभिरक्षा में पेशी के लिए लाए गए हत्या के दो आरोपियों पर मंगलवार को बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां चलाकर उनकी हत्या की कोशिश की.

फायरिंग की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे अधिवक्ताओं ने एक हमलावर को पकड़ कर उसकी पिटाई करने के बाद उसे पुलिस को सौंप दिया. अन्य हमलावर मौके का फायदा उठाकर भाग निकले.
पुलिस अधीक्षक (नगर) बृजेश कुमार गौतम ने बताया कि मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में पेशी के लिए पुलिस हत्यारोपी मिथिलेश गिरी और सूर्यप्रकाश राय को लेकर जा रही थी, तभी अदालत परिसर में ही दो बदमाशों ने अचानक उनपर गोलियां चलानी शुरू कर दीं.
उन्होंने बताया कि बदमाशों द्वारा चलाई गई गोली दोनों हत्यारोपियों में एक के पीठ में जबकि दूसरे के बांह में लगी, दोनों को जिला अस्पताल भेजा गया है.
गौतम ने बताया कि 6 मई, 2022 को गौराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के धर्मापुर बाजार में हुई पहलवान बादल यादव की हत्या में आरोपी मिथिलेश गिरी ग्राम सरैया तथा सूर्यप्रकाश राय ग्राम कबिरुद्दीनपुर जिला जेल में निरूद्ध थे.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस दौरान गोली की आवाज सुनकर आसपास खड़े अधिवक्ताओं ने बदमाशों को घेर लिया. इसमें एक बदमाश श्रवण कुमार यादव निवासी धर्मापुर थाना गौराबादशाहपुर को अधिवक्ताओं ने पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया है.
गौरतलब है कि प्रयागराज में 15 अप्रैल की रात को पुलिस अभिरक्षा में गैंगस्टर से नेता बने पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके पूर्व विधायक भाई अशरफ पर मीडियाकर्मी बनकर आये तीन बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी. पुलिस ने मौके पर तीनों बदमाशों को दबोच लिया था. ठीक एक माह बाद जौनपुर में प्रयागराज की तर्ज पर ही हुई इस घटना से कचहरी में दहशत फैल गई है.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)