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एक दिन पहले ही मारना था अतीक को पर तब डर कर भाग गए थे शूटर? माफिया मर्डर मिस्ट्री और उलझी

Atiq Ahmed News: माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले शूटर लवलेश तिवारी, मोहित उर्फ सनी और अरुण कुमार मौर्य ने एक बड़ा खुलासा किया है. पुलिस के अनुसार, हत्यारों ने दोनों भाइयों पर 14 अप्रैल को हमला करने का प्लान बनाया था, लेकिन पुलिस सुरक्षा घेरा देखकर वे भाग […]
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Atiq Ahmed News: माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले शूटर लवलेश तिवारी, मोहित उर्फ सनी और अरुण कुमार मौर्य ने एक बड़ा खुलासा किया है. पुलिस के अनुसार, हत्यारों ने दोनों भाइयों पर 14 अप्रैल को हमला करने का प्लान बनाया था, लेकिन पुलिस सुरक्षा घेरा देखकर वे भाग गए थे. पुलिस के मुताबिक, जब रिमांड की सुनवाई के लिए अतीक और अशरफ को प्रयागराज की अदालत में ले जाया जा रहा था, तो उनके आसपास की सुरक्षा देख शूटरों को हत्या करने का मौका नहीं मिला था. वहीं, पुलिस का मानना है कि सनी ने लवलेश तिवारी (जिससे वह पहली बार जेल में मिला था) और अरुण मौर्य को हत्या के लिए अपने साथ शामिल किया था.

तीनों आरोपियों का कराया जा सकता है नार्को टेस्ट

पुलिस सूत्रों का कहना है कि एक बार जब हत्यारों की पुलिस रिमांड खत्म हो जाएगी, तब जांचकर्ता अब तक के बयानों की सत्यता की पुष्टि करने के लिए तीनों का नार्को विश्लेषण भी कर सकते हैं.

आपको बता दें कि पुलिस को तीनों हत्यारों से पूछताछ में अब तक कुछ खास हासिल नहीं हो पाया है. तीनों आरोपी अभी भी अपनी थियरी पर कायम हैं. उन्होंने पुलिस को बताया है, “हम प्रदेश में अपना करना चाहते थे, ताकि भविष्य में लाभ हो. हम लोग पुलिस के घेरे का अनुमान नहीं लगा पाए और हत्या करके भाग नहीं पाए और पुलिस की तेज कार्रवाई से पकड़े गए.” साथ ही उन्होंने बताया कि वह गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू देख उससे प्रभावित हुए थे, क्योंकि उसने ‘हिंदुत्व’ की बात कही थी.

गौरतलब है कि शनिवार, 15 अप्रैल की तारीख को उत्तर प्रदेश में एक बड़ी घटना घटी. इन दिन पूर्व सांसद और माफिया अतीक और उसके छोटे भाई अशरफ की प्रयागराज में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई. यह वारदात तब घटी, जब पुलिस दोनों भाइयों को प्रयागराज के एक अस्पताल में मेडिकल चेकअप के लिए ले जा रही थी. ध्यान देनी वाली बात यह है कि अतीक की हत्या उस दिन हुई, जिस दिन उसके तीसरे नंबर के बेटे असद को सुपुर्द-ए-खाक किया गया था. दरअसल, उमेश पाल मर्डर केस में 5 लाख रुपये का इनामिया असद फरार चल रहा था, जिसका 13 अप्रैल को झांसी में UPSTF ने एनकाउंटर कर दिया था.

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