
देखिए कैसे वर्दी वालों की बात ही कुछ अलग होती है.. जहां बैठ जाएं.. वहां एकतरफा राज कायम हो जाता है.. उदाहरण के लिए झांसी के इस मामले को ही समझ लीजिए.. महिला पुलिस होमगार्ड बस में बैठती हैं.. जहां आम जनता सफर के लिए 33 रुपए का टिकट लेती है.. वहां वर्दी वाली मैडम रोज 20 रुपए में ही सफर तय कर लेती हैं.. और अगर कंडक्टर ने बहस की या उन्हें पूरी टिकट का पैसा देने को कहा.. तो मैडम का पारा हाई हो जाता है.. लगती हैं कॉलर पकड़कर कूटने..