बरेली: झूठे रेप के केस में 5 साल जेल में रहा युवक, सच जान कोर्ट ने लड़की को सुना दी ये सजा

कृष्ण गोपाल यादव

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UP News:  साल 2019 के सितंबर महीने में बरेली के बारादरी थाने में पुलिस ने एक केस दर्ज किया. युवती ने एक युवक पर अपहरण और रेप का गंभीर आरोप लगाया. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने फौरन आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करके उसे जेल भी भेज दिया. युवती का आरोप था कि युवक ने उसे प्रसाद में नशीला पदार्थ खिलाया और दिल्ली ले जाकर उसके साथ एक होटल में रेप की वारदात को अंजाम दिया. 

तभी से युवक जेल में था और मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी. मगर अब इसी केस में कुछ ऐसा हुआ है, जिसकी चर्चा पूरे देश में की जा रही है. दरअसल घटना के करीब 5-6 साल बाद कोर्ट ने युवक को जेल से रिहा कर दिया है और आरोप लगाने वाली युवती को ही जेल भेजने का आदेश दे दिया है. आपको बता दें कि ट्रायल के दौरान युवती अपने आरोपो से मुकर गई है और उसने कहा कि उसके साथ रेप की वारदात को अंजाम नहीं दिया गया था और ना ही उसके साथ अपहरण की घटना हुई थी. अब इस मामले में कोर्ट ने आरोपी लगाने वाली युवती के खिलाफ ही सख्त कदम उठा लिया है. 

क्या है पूरा मामला

बरेली में एक शख्स को बिना किसी जुर्म के 4-5 साल जेल में रहना पड़ा. दरअसल एक युवती ने उसपर रेप का आरोप लगाया था. इसके आरोप में वह जेल में बंद था. युवती ने आरोप लगाया था कि युवक ने उसका अपहरण किया और फिर दिल्ली ले जाकर उसके साथ रेप किया. 

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दरअसल युवती ने युवक को फंसाने के लिए ऐसा किया था. इस मामले की सच्चाई का शायद ही कभी पता चलता. मगर इसी बीच युवती ने खुद कोर्ट में पूरी सच्चाई बयां कर दी. युवती कोर्ट में अपनी गवाही से मुकर गई और उसने रेप की घटना से इनकार कर दिया.

कोर्ट ने दी युवती को सजा

बता दें कि फर्जी केस में युवक को फंसाने वाली युवती पर कोर्ट ने सख्त एक्शन लिया है. कोर्ट ने पहले तो शख्स को जेल से रिहा करने का आदेश दिया. इसके बाद कोर्ट ने युवती को ही जेल भेजने का आदेश दे दिया. कोर्ट ने कहा कि युवती को उतने ही दिन जेल में रहना होगा, जितने दिन युवक जेल में रहा था. इसी के साथ युवती के खिलाफ फर्जी केस दायर करने के आरोप में केस भी दर्ज कर लिया गया.

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युवती पर लगाया भारी जुर्माना

इसी के साथ कोर्ट ने युवती पर भारी जुर्माना भी लगाया. कोर्ट ने कहा कि युवक अगर जेल से बाहर रहकर मजदूर करता तो वह करीब 5 लाख 88 हजार रुपये कमा लेता. ऐसे में कोर्ट ने युवती पर इतने ही रुपये का जुर्माना लगाया और ये रकम युवक को देने का आदेश दिया. कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर युवती ने ये रुपये युवक को नहीं दिए तो युवती की सजा 6 महीने और बढ़ा दी जाएगी.
कोर्ट ने क्या कहा

बता दें कि इस पूरे मामले में सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी की कोर्ट ने कहा, इस तरह की महिलाओं के कृत्य से वास्तविक पीड़िताओं को नुकसान उठाना पड़ता है. यह समाज के लिए बेहद गंभीर स्थिति है. अपने मकसद की पूर्ति के लिए पुलिस व कोर्ट को माध्यम बनाना आपत्तिजनक है. कोर्ट ने आगे कहा कि अनुचित लाभ के लिए महिलाओं को पुरुषों के हितों पर आघात करने की छूट नहीं दी जा सकती.

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इस पूरे मामले पर ADGC क्राइम ने बताया, ये साल 2019 का मामला है. एक युवती की मां ने रेप का मुकदमा लिखाया था. युवक को मामले में जेल जाना पड़ा था. अब ट्रायल के दौरान पीड़िता अपने बयानों से मुकर गई है और उसने कहा है कि उसे भागकर नहीं ले जाया गया है. युवती का कहना है कि उसके साथ रेप नहीं किया गया है. युवक को रिहा कर दिया गया है. कोर्ट ने युवती को साढ़े चार साल की सजा सुनाई है और 5 लाख 88 हजार का जुर्माना लगाया है.

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